रोहतक, 30 सितम्बर 2025 – आज की भागदौड़ और तनावपूर्ण जिंदगी में यदि मनुष्य अपने जीवन में योग साधना को शामिल कर ले तो उसका सम्पूर्ण कायाकल्प संभव है। यह प्रेरणादायी विचार हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डॉक्टर कृष्णलाल मिड्ढा ने गोहाना अड्डा स्थित दिव्य योग मंदिर के 75वें वार्षिकोत्सव एवं ब्रह्मलीन योगाचार्य अशोक जी महाराज के चतुर्थ निर्वाण दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
डॉ. मिड्ढा ने कहा कि योग भारत की परंपरा का अभिन्न अंग है और आज के युग में यह मानव जीवन के लिए रामबाण औषधि है, जो तनाव, अस्वस्थ जीवनशैली और मानसिक अशांति से मुक्ति दिलाने का सरल साधन है। उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि पूर्व मंत्री श्री मनीष ग्रोवर के आग्रह पर उन्हें इस गुरु घर में आने और आशीर्वाद पाने का अवसर मिला।
इस अवसर पर पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने भी भावुकता से कहा कि उनका इस दिव्य योग मंदिर से गहरा पारिवारिक संबंध है और यहां के गुरुजनों के आशीर्वाद से ही वे राजनीति में आज इस मुकाम तक पहुँच पाए हैं, जिसे शब्दों में व्यक्त करना कठिन है।
प्रातःकाल कार्यक्रम की शुरुआत गुरु गद्दी नशीन प्रधान योगाचार्य श्री स्वामी अमित देव जी के सानिध्य में हुई, जिसमें आरती, पूजन, गुरु गीता पाठ तथा योग प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
इसके उपरांत भव्य भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने ब्रह्म भोज प्रसाद ग्रहण किया और सामूहिक भक्ति एवं सेवा की भावना से वातावरण दिव्य बन गया।
सभा को संबोधित करते हुए स्वामी अमित देव जी ने कहा कि वे स्वयं को अत्यंत भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें ऐसे गुरुओं का सानिध्य प्राप्त हुआ जो वास्तव में परमात्मा का स्वरूप थे। उन्होंने अपने ब्रह्मलीन पिता योगाचार्य स्वामी सुरेंद्र जी महाराज की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि उन्हीं के सानिध्य में उन्हें यह गुरु घर की विरासत प्राप्त हुई है और आज वे गुरुजनों के आशीर्वाद से मानव कल्याण के लिए योग प्रचार-प्रसार का कार्य कर रहे हैं।
स्वामी अमित देव जी ने युवा योगाचार्य कार्तिकेय और योगाचार्य नित्यानंद की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे अपने गुरुजनों के आशीर्वाद से योग साधना को आगे बढ़ा रहे हैं, जिससे लोगों को न केवल निरोगी काया प्राप्त हो रही है बल्कि उन्हें आनंद और आत्मिक शांति का अनुभव भी हो रहा है।
इस अवसर की विशेष आकर्षण रहे विश्वप्रसिद्ध जादूगर सम्राट शंकर जी, जिन्होंने अपने जीवन का अत्यंत भावुक अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 1970 में उन्हें योग योगेश्वर देवीदयाल जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त हुआ, जिसके पश्चात उनके संपूर्ण जीवन और करियर में गुरुदेव का आशीर्वाद सदैव उनके साथ रहा। उन्होंने कहा कि उनके सफल करियर और व्यक्तिगत जीवन की उन्नति का श्रेय गुरुदेव के अनुग्रह को ही जाता है। कार्यक्रम के दौरान सम्राट शंकर जी ने अपने अद्भुत जादू के कुछ प्रदर्शन भी किए और उपस्थित जनों को समझाया कि जादू एक ललित कला है, परंतु वास्तविक जीवन की पूर्णता और सुख-शांति केवल गुरुदेव के योग को अपनाने से ही संभव है।
इस भव्य समारोह में अनेक पूज्य संत-महात्माओं एवं गणमान्य अतिथियों ने अपनी पावन उपस्थिति से कार्यक्रम को गौरवान्वित किया। इनमें प्रमुख रूप से शामिल रहे:
- टिकाना श्री सतीभाई साईदास जी महाराज कलानौर के महंत रामसुखदास महाराज जी
- सिद्ध महंत बाबा कमल पुरी जी महाराज
- महामंडलेश्वर स्वामी राघवेंद्र भारती जी महाराज
- महंत बाबा सुखा शाह जी महाराज
- महंत बाबा बसंत दास जी महाराज
- ब्रह्मकुमारी आश्रम से बहन वंदना देवी जी एवं बहन सीमा देवी जी
- महामंडलेश्वर स्वामी राघव देव जी महाराज
- स्वर्ग आश्रम भिवानी से स्वामी युगल किशोर जी महाराज
- गुरुद्वारा बाबा जोध सचियार जी कलानौर से सनी बाबा जी महाराज
- कलानौर से महंत बाबा कमल जी महाराज
- समाजसेवी एवं उद्योगपति श्री राजेश जैन जी (एमडी एलपीएस बोसार्ड)
- विधायक श्री भारत भूषण बत्रा जी
- समाजसेवी राज कमल सहगल
- युवा समाजसेवी कपिल नागपाल
इन सभी पूज्य संतों एवं गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति और आशीर्वाद ने इस समारोह को अत्यंत गरिमामय और ऐतिहासिक बना दिया।
इस प्रकार दिव्य योग मंदिर का 75वां वार्षिकोत्सव एक भव्य आध्यात्मिक संगम का रूप ले सका, जिसने यह संदेश दिया कि योग ही मानव जीवन के शारीरिक, मानसिक और आत्मिक उत्थान का सर्वोत्तम मार्ग है।